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Wednesday 10 August 2016

हम चाय नही जहर पी रहे है


वैसे तो हम आज के तेज रफ्तार वाले जीवन में खाने-पीने वाली चीजों, भोजन की थालियों के बारे में सोचने का समय नहीं होता फिर भी चाय सा जहर दिन में दो चार बार ले ही लिया जाता है। फिर चाय के बिना खतिरदारी कैसे करें? दूध तो मिलता ही नहीं, चाय न पिएं तो और क्या पिएं? अनजाने में ही यह जहर पी कर हम अपने जीवन को खाए जा रहे हैं। यह कहां की बहादुरी है, अगर कुछ ना मिले तो जहर ही पिया जाए? गांधीवादी चिंतक व अनुभवी राजनीतिज्ञ श्री मोरारजी देसार्इ का कथन है कि ''अगर कोर्इ मुझे संसार की जहरीली वस्तुओं की सूची बनाने को बोले तो मैं चाय को सबसे प्रथम स्थान दूंगा। निसंदेह लोगों की सेहत के लिए जितनी चाय हानिकारका है उतनी और कोर्इ वस्तु नहीं। चाय में लगभग दस जहर ऐसे हैं, जो स्वास्थ्य को नुकसान करते हैं।
चाय में टैनिन की मात्रा 18: होती है जो खून से हिमोग्लोबिन कम करता है। पेट में वर्म, गैस, पौषिटक अलसर और गैस्ट राइटस रोग पैदा करता है। मंदागिन रोग हो सकता है, जिससे भाजने पचाने की शकित कमजोर हो जाती है।
इसमें थीन की मात्रा 3: से 6 : होती है, जो शरीर में खुष्की, फेफड़ों और दिमाग में भारीपन पैदा करती है।
कैफीन की मा़ा 2.75: होती है। जिससे तेजाब में वृद्धि होती है। तब गठिया, अनिद्रा, गुर्दों की कमजोरी पैदा करती है। सिरदर्द के लक्षण सामने आते हैं, बाल जल्दी सफेद होने लगते हैं।
वालेटाइल आयल आंखें के रोगों को और अनिंद्रा पैदा करता है।
कारबलिक एसिड के साथ ऐसिडिटि होती है और अनिंद्रा पैदा करता है।
पेपीन पाचन कि्रया में खराबी पैदा करता है।
ऐरापैलिक आयल अंतडि़यों में खुष्की पैदा करता है।
साइनोजैन लकवा, चक्कर आना और अनिंद्रा आदि रोगों को जन्म देता है।
आग्रैनिक ससिड शरीर में से जितना एक दिन में खर्च होता है, उससे चार गुणा ज्यादा चाय की प्याली से श्रीर में पैदा होता है।
सैटि्रक आलय खून में खराबी, स्वप्नदोष और नपुंसकता पैदा करता है।
संसार भर के प्रसिद्ध डाक्टरों ने खोजपूर्ण तथ्यों से चाय को एक भयानक जहर माना है। जिसमें से कुछ के निचौड़ निम्नलिखित हैं :-
''चाय पीने से स्वप्नदोष, वीर्य का गिरना, नपुंसकता आदि रोग लग जाते हैं।
''चाय से ब्लडपै्रषर बढ़ता है।
''चाय से बुद्धि का नाष होता है।
''थके हुए दिमाग को आराम की जरूरत होती है, चाय उसके सोने व बलात्कार करने के लिए मजबूर करती है। जिसके नतीजे दिमाग धीरे-धीरे निकम्मा हो जाता है।
''चाय पीते ही चुस्ती महसूस होती है, लेकिन जब थकान आती है उससे शरीर कमजोर हो जाता है।
यदि कुछ पीना-पिलाना जरूरी हो तो ठंडा पानी, षिंकजवीं, लस्सी, शर्बत, नींबू पानी, शहद ले सकते हैं। एक बहुत अच्छी देसी चाय बनाने का तरीका बताया जा रहा है, जो हमारी चाय पीने की आदत के साथ-साथ शराब, बीड़ी, सिगरेट, तम्बाकू, स्मैक, अफीम जैसे नषीले पदार्थो की आदतें भी छुड़ाएगा

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